बुधवार, 4 मार्च 2009

लैंगिक विकलांग बच्चे अपने परिवारों को वापिस लौटेंगे एक प्रयोग के तहत....

अर्धसत्य परिवार ने अपने निरंतर प्रयासों के चलते तथा अपने बुजुर्ग मार्गदर्शकों के आशीर्वाद के सहारे से एक अभिनव प्रयोग करा है जिसके कारण कुछ समय से ब्लाग पर लिखने का समय नहीं निकाला जा सका। इस प्रयोग के अंतर्गत जो लैंगिक विकलांग बच्चे परिस्थितियों वश बरसों बरस से अपने परिवारों से अलग रह रहे थे उन्हें विश्वास में लेकर उनके परिवार की जानकारी हासिल करके बच्चों के माता-पिता व भाई बहन आदि से संपर्क कर संवाद स्थापित करना और उन्हें समझाने का प्रयास करना। इस प्रयोग के अंतर्गत जो बच्चे दस से पंद्रह सालों से अपने परिवारों से नहीं मिले थे एक प्रयोग के चलते वापस अपने घर लौटे हैं जिनमें कि कीर्ति(केतना), भूमिका, देवी, दिव्या और स्वयं अर्धसत्य परिवार की ज्येष्ठ संचालिका मनीषा नारायण हैं अब देखना है कि क्या होता है कौन स्वीकारा जाता है और कौन वापिस आ जाता है लेकिन हम सब इन बच्चों को इतना साहस दे पाए कि वे जैसे हैं उसी हाल में वापस जा सकें इस शर्त के साथ कि उन्हें यथावत स्वीकारा जाए बिना किसी शर्म या सामाजिक लोकलाज के....। ईश्वर करे के हमें इस मुहिम में कामयाबी मिले। बाबूजी श्री जे.सी.फिलिप कहते हैं कि सामाजिक बदलाव अत्यंत धीमी गति से होते हैं , जिस गति से शुरू हो कम से कम शुरू तो हुआ ये प्रयास; बस आप सबका आशीर्वाद बना रहे।

3 टिप्‍पणियां:

Dileepraaj Nagpal ने कहा…

Ishwaar Karen Ki Ye Koshish Safal Ho...Shubhkamnayen...

varsha ने कहा…

hamari bhi Shubhkamnayen...

P.N. Subramanian ने कहा…

आप अपने प्रयोग में सफल रहें. इश्वर से हमारी भी यही प्रार्थना है.

 

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आयुषवेद by डॉ.रूपेश श्रीवास्तव