अब तक मैं सही तरीके से ब्लागिंग करना सीख ही नहीं पायी थी ये मेरी लापरवाही थी लेकिन अब सब कर सकती हूं।
गुरुवार, 21 अगस्त 2008
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हम अधूरे इंसान अगर सच भी बोलें तो लोग कहते हैं उसे "अर्धसत्य"
अब तक मैं सही तरीके से ब्लागिंग करना सीख ही नहीं पायी थी ये मेरी लापरवाही थी लेकिन अब सब कर सकती हूं।
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1 टिप्पणी:
भूमिका,
ढेर सारा प्यार और शुभकामना. चलो अब अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर समाज के तमाम पैरोकार को जवाब दो. ये हमारी लडाई जिसमे हम बढ़ते जा रहे हैं. ये ब्लॉग सिर्फ़ ब्लॉग नही है अपितु तुम्हारे विचारों के झंझावात को सामने लाने का रास्ता है. जसिसे तुम समाज के ठेकेदारों के तमाम पहलु को अपने तरीके से सामने रख सकती हो.
शुभकामना.
तुम्हारा
रजनीश
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