क्या आपको भी ऐसा लगता है कि लैंगिक विकलांग व्यक्ति में कुछ अतिमानवीय अथवा दैवीय शक्ति होती है? मुझे अक्सर जो अनुभव होते हैं वह सामान्य तो किसी कोने से नहीं होते लेकिन इन बातों को मैने अब समझ लिया है कि परिवर्तन की लहर में जैसे जैसे जोर आयेगा लोगों का व्यवहार बदलेगा लेकिन मुझे अजीब लगता है जब अत्यंत उच्च शिक्षित लोग भी मेरे जैसे अधूरे इंसान को देख कर ऐसे श्रद्धापूर्वक व्यवहार करने लगते हैं बच्चों के सिर पर हाथ रखने का आग्रह करने लगते हैं जैसे मैं कोई दिव्य शक्ति से संपन्न हूं। मैं रजनीश भाई और अपने गुरुदेव(मामाजी) डा.रूपेश श्रीवास्तव से आज यह पूछ रही हूं कि क्या उन्हें मुझमें कुछ दिव्यता दिखती है? क्या मैं साधारण इंसानों की तरह नहीं हूं? जिन्हें रजनीश भाई से आशीर्वाद लेना चाहिये वो मुझसे आशीर्वाद लेना चाहते हैं क्या विचित्र लोग हैं?
सोमवार, 1 सितंबर 2008
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